Sunday, March 9, 2008
Tuesday, November 13, 2007
kitna achha hota
कितना अच्छा होता
-मोनी शंकर
-मोनी शंकर
कितना अच्छा होता
गर संसार में
एक ही भाषा होती
एक ही धर्म होता
समाज जातियों में
यूं विभक्त न होता
न इतनी भाषाएं सीखते
न इतने झगड़े होते
न खुदा को बांटना पड़ता
धरती पर रेखाएं खींचे बगैर
बिना पासपोर्ट
कोई कहीं भी आ-जा सकता
मौसम बदलने पर
अनुकूल जगह पर
अपनी उड़ान भर सकता
सारे सागर सांझे
सारे वृक्ष सांझे
प्रकृति का हर कण
गुरूद्वारे के लंगर की तरह सांझा
यह देश मेरा न कहकर
यह विश्व मेरा कहते
तो कितना अच्छा होता।
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